दोस्तों, सर्वप्रथम इस “लेखक” का प्रणाम स्वीकार करें।
शुरू से ही लेखक को बहुत शौक था कुछ स्क्रिप्ट लिखने का, और उसके साथ-साथ ऐसी कथाएं, कहानियां और लोकोक्तियाँ जो कि सामान्य और दैनिक जीवन में देखने को मिलती हैं। ये हमारा व्यक्तिगत अनुभव है कि ऐसी बहुत सारी लोक कथाएं और कवितायें जो कि हम सुनते थे अपने बुजुर्गों से, वो अब विलुप्त सी हो रही हैं। इसका एक मुख्य कारण ये भी है कि वो लोग इतने डिजिटलाइज नहीं हैं या नहीं थे और न ही इतने जागरूक, जिससे कि वो सभी रचनाएँ कही पर संग्रह करके रख सकें। अब ये एक बहुत ही छोटा सा प्रयास है बस उन सभी रचनाओं को संगृहीत करने का, जिससे कि वो रचनाएँ सदैव के लिए अमर रहें और साथ ही उन रचनाकारों के नाम भी।
इसी उद्देश्य से हमारी टीम के सदस्यों ने इस उम्दा प्लेटफॉर्म को तैयार किया है। जिसमे आप बिना किसी झंझट के अपनी रचनाओं को प्रकाशित कर सकते हैं।
अब अगर आपके पास कोई भी रचना है तो सोचिये मत, तुरंत आप अपनी रचना हमें “contact@merikalam.com” पर लिख भेजिए और साथ में अपना संपर्क सूत्र भी। उसके बाद की सब काट-छांट और त्रुटियां हमारी विशेषज्ञों की टीम संभालेगी और ये सुनिश्चित करेगी कि आपकी रचना अत्यंत ही सुन्दर स्वरुप में प्रकाशित हो।
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धन्यवाद।
टीम मेरी कलम