करें जब पाँव खुद नर्तन, समझ लेना कि होली है।हिलोरें ले रहा हो मन, समझ लेना कि होली है।। किसी को याद करते ही अगर…
Posts published by “मेरीकलम डेस्क : तृतीय”
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सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी,गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,दूर फिरंगी को…
जन्म: २ अक्टूबर १९०४ मुगलसराय (वाराणसी), उत्तर प्रदेश, भारत।मृत्यु: ११ जनवरी १९६६ ताशकन्द, सोवियत संघ रूस। श्री लालबहादुर शास्त्री जी का जन्म एक कायस्थ परिवार…
ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है,अभी तक़ल्लुफ़ है गुफ़्तगू में अभी मोहब्बत नई-नई है।ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों…