ए मातृभूमि ! तेरी जय हो, सदा विजय हो ।प्रत्येक भक्त तेरा, सुख-शान्ति-कान्तिमय हो ।। अज्ञान की निशा में, दुःख से भरी दिशा में,संसार के…
Posts published in “बाल-साहित्य”
स्वदेशी कथन by रामप्रसाद बिस्मिल
By मेरीकलम डेस्क : द्वितीय on दिसम्बर 20, 2020
जिएँ तो बदन पर स्वदेशी वसन हो ।मरें भी अगर तो स्वदेशी कफ़न हो ।। पराया सहारा है अपमान होना, जरुरी है निज शान का…
अकबर बीरबल के किस्से : बादशाह का सपना
By मेरीकलम डेस्क : तृतीय on सितम्बर 26, 2020
एक दिन बादशाह अकबर का दरबार लगा हुआ था। बैठे-बैठे बादशाह ने बीरबल से चुटकी लेने का मन बनाया। बादशाह अकबर ने कहा कि आज…