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Posts published in “कविता”

तीर नज़रों का उनका चलाना हुआ… / बासुदेव अग्रवाल

तीर नज़रों का उनका चलाना हुआ,और दिल का इधर छटपटाना हुआ। हाल नादान दिल का न पूछे कोई,वो तो खोया पड़ा आशिक़ाना हुआ। ये शब-ओ-रोज़,…

समझ लेना कि होली है… / नीरज गोस्वामी

करें जब पाँव खुद नर्तन, समझ लेना कि होली है।हिलोरें ले रहा हो मन, समझ लेना कि होली है।। किसी को याद करते ही अगर…

हवा हूँ, हवा मैं बसंती हवा हूँ / कविता

हवा हूँ, हवा मैंबसंती हवा हूँ। सुनो बात मेरी –अनोखी हवा हूँ। बड़ी बावली हूँबड़ी मस्तमौला।नहीं कुछ फ़िकर हैबड़ी ही निडर हूँजिधर चाहती हूँउधर घूमती…

नर हो, न निराश करो मन को / मैथिलीशरण गुप्त

नर हो, न निराश करो मन को कुछ काम करो, कुछ काम करोजग में रह कर कुछ नाम करोयह जन्म हुआ किस अर्थ अहोसमझो जिसमें…

उठो लाल अब आँखें खोलो / सोहनलाल द्विवेदी

उठो लाल अब आँखें खोलो,पानी लायी हूँ मुंह धो लो। बीती रात कमल दल फूले,उसके ऊपर भँवरे झूले। चिड़िया चहक उठी पेड़ों पे,बहने लगी हवा…