Last updated on फ़रवरी 3, 2021
भगवान गणेश जी को शुभ फलदायक और विघ्नहर्ता के रूप में माना जाता है और अनादि काल से ही उनकी पूजा और प्रतिष्ठा की जाती रही है। आइये आज हम भगवान गणेश जी को एक बार फिर से देखते हैं कि हम उनसे क्या सीख सकते हैं और अपने आज के इस आधुनिक जीवन में क्या प्रेरणा ले सकते हैं।
भगवान् गणेश जी का बड़ा सिर हमें बड़ी और स्वहित के साथ-साथ सामाजिक हित के विचार के लिए प्रेरित करता है, उनसे हमें ये प्रेरणा मिलती है कि किसी भी कार्य को करने से पहले या कोई निर्णय लेते समय बहुत ही सोच विचार करना चाहिए और गहन मंथन करना चाहिए। इससे हम भविष्य में होने वाले बहुत से बुरे परिणाम को न केवल टाल सकते हैं अपितु उनसे सजग भी होते हैं।
उनके बड़े कान हमें नए विचारों और सुझावों को धैर्यपूर्वक सुनने की सीख देते हैं, और हमें ज्यादा से ज्यादा सुनने की प्रेरणा देते हैं। आज की दुनिया के परिदृश्य में हम देंखें तो ये ठीक वैसे ही हैं जैसे कंप्यूटर में इनपुट डिवाइस, जिससे हम जितनी ज्यादा डाटा या जानकारी कंप्यूटर में देते हैं उतना ही एक्यूरेट हमें परिणाम मिलता है, ठीक ऐसे ही हमारे कान हमारे लिए इनपुट डिवाइस का काम करते हैं जितनी ज्यादा जानकारी हम सुनेगें और पाएंगे उतना ही सटीक निर्णय ले पाएंगे।
उनकी छोटी आंखें हमें सिखाती हैं की अपने हाथ में लिए कार्यों को उचित ढंग से व पैनी दृष्टि रखते हुए पूरा करना चाहिए।
उनका बड़ा पेट हमें बातों को अपने तक ही गोपनीय और सिमित रखने की शिक्षा देते हैं, आपने अक्सर देखा और सुना होगा की कोई गोपनीय बातों के प्रकट हो जाने से कइयों के बहुत सारे कार्य सिद्ध नहीं हो पाते और उससे संकट भी उत्पन्न हो जाते हैं।
उनकी लम्बी नाक हमें अपने चारो ओर की घटनाओं और उनसे उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों का पूर्वानुमान करते हुए अपने कार्य को सिद्ध करने के लिए प्रेरित करती है।
उनका छोटा मुख हमें कम और आवश्क्ता पड़ने पर ही बोलने की शिक्षा देता है।
दोस्तों सिखने के लिए तो बहुत कुछ है हमने तो बस एक छोटा सा हिस्सा जिसपर हमने गौर किया वही आप के सामने रखा है, अगर हमने भगवान गणेश जी से प्रेरणा लेते हुए इन बातों को अपने जीवन में उतार लिया तो निश्चय ही हम अपने जीवन में सफल होंगें।
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