Last updated on अक्टूबर 3, 2020
जन्म: २ अक्टूबर १९०४ मुगलसराय (वाराणसी), उत्तर प्रदेश, भारत।
मृत्यु: ११ जनवरी १९६६ ताशकन्द, सोवियत संघ रूस।
श्री लालबहादुर शास्त्री जी का जन्म एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव था। उनके पिता जी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे इसलिए लोग उन्हें मुंशीजी कहकर पुकारते थे।
उनकी माता जी का नाम रामदुलारी था। जब लालबहादुर मात्र १८ महीने के थे तभी उनके पिता का निधन हो गया। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा अपने ननिहाल में ग्रहण की।
उनकी आगे की शिक्षा हरिश्चन्द्र हाई स्कूल और काशी विद्यापीठ में हुई। काशी विद्यापीठ से उन्हें शास्त्री की उपाधि मिली जिसके बाद उन्होंने अपने नाम से श्रीवास्तव हमेशा के लिये हटा दिया और अपने नाम के आगे ‘शास्त्री’ लगा लिया।
१९२८ में उनका विवाह मिर्जापुर निवासी गणेशप्रसाद की पुत्री ललिता से हुआ। ललिता शास्त्री से उनकी ६ सन्तानें हुईं, २ पुत्रियाँ – कुसुम व सुमन और ४ पुत्र – हरिकृष्ण, अनिल, सुनील और अशोक।
वह ९ जून १९६४ से ११ जनवरी १९६६ को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे।
१९६५ का भारत – पाकिस्तान युद्ध लाल बहादुर शास्त्री जी के शासनकाल में शुरू हुआ था। जिसमें शास्त्री जी ने अत्यंत ही उत्तम नेतृत्व का परिचय दिया जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।
इससे ३ वर्ष पूर्व १९६२ में भारत – चीन का युद्ध भारत हार चुका था।
शास्त्री जी ने अपने कार्यकाल में कई साहसिक कार्य किये और इसके साथ ही कई ऐतिहासिक फैसले भी लिए। शास्त्री जी को उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये आज भी पूरा भारत श्रद्धापूर्वक याद करता है। उन्हें मरणोपरान्त वर्ष १९६६ में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
ताशकन्द में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब ख़ान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ११ जनवरी १९६६ की रात में ही रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया।
शास्त्रीजी की अन्त्येष्टि पूरे राजकीय सम्मान के साथ यमुना के किनारे की गयी और उस स्थल को विजय घाट नाम दिया गया।
हालांकि शास्त्री जी की मृत्यु आज भी एक रहस्य ही है।
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