एक दिन बादशाह अकबर का दरबार लगा हुआ था। बैठे-बैठे बादशाह ने बीरबल से चुटकी लेने का मन बनाया। बादशाह अकबर ने कहा कि आज…
मेरी कलम
मुंशी प्रेमचंद (३१ जुलाई १८८० – ८ अक्तूबर १९३६) को भारतीय साहित्य जगत में कोहिनूर की उपाधि दी जाये तो ये कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।मुंशी…
कारगिल विजय दिवस भारतवर्ष के इतिहास का एक ऐसा दिन है जो की हर भारतीय अवाम को हमेशा याद रहेगा। हर एक वर्ष कारगिल विजय…
हिंदी साहित्य में मुंशी प्रेमचंद का वही स्थान है जो ब्रिटिश राजघराने के ताज में कोहिनूर हीरे का। उनकी प्रसिद्ध कहानियों में से एक है…
गज़नी के बादशाह का नियम था कि वह रात को भेष बदलकर गज़नी की गलियों में घूमा करता था. एक रात उसे कुछ आदमी छुपते-छुपाते…