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Posts tagged as “human life”

किसान और उसका बैल / मेरी कलम

एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया। वह बैल घंटों ज़ोर-ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा…

हवा हूँ, हवा मैं बसंती हवा हूँ / कविता

हवा हूँ, हवा मैंबसंती हवा हूँ। सुनो बात मेरी –अनोखी हवा हूँ। बड़ी बावली हूँबड़ी मस्तमौला।नहीं कुछ फ़िकर हैबड़ी ही निडर हूँजिधर चाहती हूँउधर घूमती…

हार की जीत / बाबा भारती की कहानी

माँ को अपने बेटे और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था।…