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Posts tagged as “learning poem”

भारत की धरती… / बासुदेव अग्रवाल

भारत की धरती, दुख सब हरती,हर्षित करती, प्यारी है।ये सब की थाती, हमें सुहाती,हृदय लुभाती, न्यारी है।।ऊँचा रख कर सर, हृदय न डर धर,बसा सुखी…

सरहदी मधुशाला… / बासुदेव अग्रवाल

रख नापाक इरादे उसने, सरहद करदी मधुशाला।रोज करे वह टुच्ची हरकत, नफरत की पी कर हाला।उठो देश के मतवालों तुम, काली बन खप्पर लेके।भर भर…

खेत और खलिहान… / बासुदेव अग्रवाल

गाँवों में हैं प्राण हमारे, दें इनको सम्मान।भारत की पहचान सदा से, खेत और खलिहान।। गाँवों की जीवन-शैली के, खेत रहे सोपान।अर्थ व्यवस्था के पोषक…

ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं / राष्ट्रकवि रामधारीसिंह दिनकर

ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहींहै अपना ये त्यौहार नहींहै अपनी ये तो रीत नहींहै अपना ये व्यवहार नहींधरा ठिठुरती है सर्दी सेआकाश में कोहरा…

अग्निपथ / हरिवंश राय बच्चन

वृक्ष हों भले खड़े,हों घने हों बड़े,एक पत्र छाँह भी,माँग मत, माँग मत, माँग मत,अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ। तू न थकेगा कभी,तू न रुकेगा कभी,तू न…